अंत होगा

हर युग का अंत होगा ।

हर सत्ता का अंत होगा

हर एक गुरूर का अंत होगा

हर एक घमंड का अंत होगा

हर एक रात का सुबह होगा ।

हर अन्याय का नया होगा ।

आज नहीं तो काल होगा ।

आज तेरा तो, कल मेरा होगा ।

~~ श्रेयशी लस्कर ~~

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